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कृषि मंत्रालय के अधिकारी ने संभाला नेफेड के एमडी का कार्यभार

कृषि सहकारी संस्था नेफेड के एमडी की स्थायी नियुक्ति होने तक, कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी श्री राजबीर सिंह को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

बता दें कि नेफेड के प्रबंध निदेशक के रूप में संजीव कुमार चड्ढा का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें सोमवार को दिल्ली के आश्रम चौक स्थित संस्था के मुख्यालय में गर्मजोशी से विदाई दी गई। इस मौके पर नेफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह और निदेशक समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

इसमें कोई दो मत नहीं है कि चड्ढा ने एमडी पद पर रहते हुए संस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया है। भारतीय सहकारिता से बातचीत में नेफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने कहा, “जब उन्होंने एमडी के रूप में कार्यभार संभाला था, तब नेफेड का रिजर्व शून्य था और अब यह 700-800 करोड़ रुपये हो गया है।”

विदाई समारोह में राष्ट्रीय स्तर की सात सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। “इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी, एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप नायक और यहां तक कि चंद्र पाल सिंह, जो अपने बेटे यशपाल को यूपी विधानसभा में जीत दिलाने के लिए प्रचार करने में व्यस्त हैं, इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े”, सिंह ने कहा।

संस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए चड्ढा ने कई योजनाओं की शुरुआत की, जिन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इन योजनाओं में नए एफपीओ का गठन करना, सरकारी विभागों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करना और पर्यावरण को बचाने के उनके अथक प्रयासों को सहकारी गलियारों में हमेशा सराहा गया।

इसी महीने, चड्ढा ने छ: “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) ब्रांड” लॉन्च करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने पीएमएफएमई योजना के ब्रांडिंग और विपणन घटक के तहत चयनित ओपीओपी के 10 ब्रांड विकसित करने के लिए नफेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इसके अलावा, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष राजस्थान में एक शहद एफपीओ गठन करने में नेफेड के प्रयासों को रेखांकित किया था। चड्ढा़ के नेतृत्व में, नेफेड ने हाल ही में 100 बायो-सीएनजी संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी।

उनके मार्गदर्शन में नेफेड ने जम्मू-कश्मीर में सेब और बिहार में मखाना की व्यावसायिक खेती पर भी ध्यान केंद्रित किया।

संस्था के एमडी के अथक प्रयास और बोर्ड के प्रभावी निर्णय के कारण नेफेड का लाभ वित्त वर्ष 2020-21 में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में दोगुना हो गया और शेयरधारकों को अब तक का सबसे अधिक लाभांश दिया गया।

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