चीनी में वायदा कारोबार सरकार के 19 महीनों के प्रतिबंध के बाद फिर से शुरू होना निश्चित है क्योंकि वायदा बाजार आयोग (एफसीसी) नियामक से कमोडिटी एक्सचेंजों को इसकी औपचारिकमंजूरी मिल गई है.
यह अनुमति इस मजबूत दृष्टिकोण के बाद दी गई कि इस चीनी वर्ष के दौरान जो 1 अक्टूबर से शुरू हुआ, उद्योगों द्वारा 25.5 टन और सरकार द्वारा 24.5 टन के उत्पादन होने का अनुमान है. पिछले वर्ष यह अनुमान १९ लाख टन का था. भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और इसका सबसे बडा उपभोक्ता है.
भारत ने चीनी में वायदा कारोबार पर मई 1999 में छह माह के लिए प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि उत्पादन में भारी गिरावट आ गई थी जिसके चलते कीमतों में वृध्दि हो रही थी. सरकार पिछले सितम्बर तक इस आदेश को आगे बढाती रही.