केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि यह बजट वास्तव में आम लोगों का बजट है।
मत्स्य पालन विभाग से संबंधित घोषणा के संबंध में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मत्स्य पालन विभाग के वर्ष 2021-22 के कुल बजट में 1220 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 73 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1220 करोड़ रुपए के बजटीय अनुमान की तुलना में, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विभाग का कुल बजटीय आवंटन 2118.47 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) के लिए आवंटन को 2021-22 के 1000 करोड़ (बजटीय अनुमान) से 88 प्रतिशत बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिए 1879 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए झींगा मछली पालन पर शुल्क में कटौती की घोषणा का स्वागत किया।
विभाग मछली पकड़ने के लिए बंदरगाहों और लैंडिंग केंद्रों के आधुनिकीकरण के अपने प्रयासों को भी तेज करेगा ताकि मछुआरों के लिए उच्च मूल्य सुनिश्चित किया जा सके, जो सभी बाधाओं का सामना करते हुए समुद्र में मछली पकड़ने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मत्स्य विभाग मछुआरों को एक्वा स्पोर्ट्स और फिशटूरिज्म में शामिल करके उनके लिए वैकल्पिक आजीविका को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा। विज्ञान आधारित जलकृषि को बढ़ावा देने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र पर भी विचार किया जाएगा।
रुपाला ने कहा कि उन्होंने विभाग को स्वच्छता में सुधार और नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आधुनिक मछली बाजारों के विकास की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया है। सिरसी योजना के रूप में इस साल आधुनिकीकरण के लिए 50 नए मछली बाजारों को लिया जाएगा।
मछुआरों का बीमा, बचत-सह-राहत और बढ़े हुए कवरेज के साथ पोत बीमा का कार्यान्वयन जैसी कल्याणकारी गतिविधियां मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रहेंगी।
सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करना वास्तव में एक महत्वपूर्ण घोषणा है, जो सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच एक समान अवसर प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि चूंकि हमारी अधिकांश दूध उत्पादक बिरादरी सहकारी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए अधिभार और वैकल्पिक न्यूनतम कर में कमी की घोषणा से देश भर में डेयरी किसानों की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसी तरह, 1 करोड़ से अधिक और 10 करोड़ तक की कुल आय वाली सहकारी समितियों पर अधिभार को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने से देश के भीतर हजारों डेयरी सहकारी समितियों को लाभ होगा और दूध उत्पादक किसानों की आय बढ़ेगी।
डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल भुगतान और फिनटेक नवाचारों को प्रोत्साहित करने सेदूध की खरीद और पशुधन किसानों द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य सेवाओं के लिए भुगतान को सुव्यवस्थित करके अधिक पारदर्शिता के माध्यम से पशुधन क्षेत्र में एक व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
नाबार्ड के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में स्टार्ट-अप का समर्थन करने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की परियोजनाओं और निवेश, कृषि, डेयरी, पशुपालनतथा मत्स्य उत्पादन और विपणन प्रणालियों में नई तकनीक के माध्यम से उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा तथा आय में वृद्धि होने से ग्रामीण समृद्धिका मार्ग प्रशस्त होगा। रुपाला ने कहा कि किसान ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से बेहतर गोधन प्रबंधन और कृषि सुरक्षा के लिए ड्रोन तकनीक के उपयोग का मार्ग प्रशस्त होगा, पीआईबी की ओर से प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।