नाबार्ड के अध्यक्ष जी.आर. चिंतला ने कहा कि नाबार्ड ने झारखंड में कई ऋण योजनाओं का शुभारंभ किया है लेकिन किसानों से संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है, टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक।
चिंतला ने यह बात रांची में पत्रकारों से बातचीत में कही। नाबार्ड के अध्यक्ष ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि राज्य के सहकारिता विभाग ने भी नाबार्ड से ऋण लेने में बहुत कम रुचि दिखाई है।
इस मौक पर उन्होंने बताया कि नाबार्ड सहकारी बैंक को चार प्रतिशत की दर से ऋण उपलब्ध कराता है और भारत सरकार द्वारा तीन प्रतिशत के ब्याज अनुदान के बाद महज एक प्रतिशत पर सहकारी समितियों को ऋण उपलब्ध होता है।
इतनी सस्ती ऋण की सुविधा होने के बाद भी कमजोर सहकारी ढांचे के कारण झारखंड राज्य इसका लाभ नहीं उठा पा रहा है।