भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह सोमवार को आठ सहकारी बैंकों पर प्लेन्टी लगाई है और सबसे अधिक जुर्माना गुजरात के किला पारडी में स्थित एसबीपीपी को-ऑपरेटिव बैंक पर ठोका है।
आरबीआई ने एसबीपीपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर ‘जमाराशि पर ब्याज दर’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 48 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
हैदराबाद स्थित अग्रसेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर, रिज़र्व बैंक द्वारा ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण’ और ‘एक्सपोज़र मानदंड/सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी’ पर जारी निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन के लिए 12.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, तिरुवन्नामलाई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर एक्सपोजर मानदंड तथा सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- यूसीबी के तहत जारी निदेशों का अननुपालन/ उल्लंघन के लिए 2.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
केरल स्थित पीपुल्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले-यूसीबी के तहत निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन के लिए 5.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह, तड़पत्री को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर निदेशकों और उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिमों का निषेध, आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले-यूसीबी संबंधी जारी निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन के लिए 2 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कृष्णा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड पर आरबीआई द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण’ पर परिपत्र और नाबार्ड के ‘धोखाधड़ी-धोखाधड़ी के वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश’ पर परिपत्र में निहित कुछ निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन करने के लिए 2 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
श्री महालक्ष्मी मर्कन्टाईल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर, रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों तथा फर्मों/प्रतिष्ठानों जिनमें उनकी रुचि हो को ऋण एवं अग्रिम’ पर जारी निदेशों का उल्लंघन करने और आरबीआई द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ़) के तहत जारी 07 दिसंबर 2017 के विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए 2.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 4 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।