केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पिछले सप्ताह रविवार को गुजरात के सूरत में सुमुल डेयरी की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दक्षिण गुजरात के तापी जिले में एक ऐतिहासिक सहयोग सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति और उनका उत्साह इस बात का प्रमाण है कि गुजरात में सहकारी संरचना बहुत मजबूत है।
अमित शाह ने कहा, “यह देश की आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है। भारत की आजादी के 75 साल बीत चुके हैं और आजादी का 75वां साल किसी भी देश के लिए बेहद अहम होता है। हमारे देश के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हर चीज को एक नए नज़रिए से देखने की कोशिश की है। आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष देश के संकल्प के वर्ष के रूप में मनाने का प्रयास है”।
उन्होंने कहा कि देश के हर क्षेत्र में आजादी के 100 साल होने पर देश कहां होगा, यह संकल्प लेने का साल है। देश के प्रधानमंत्री ने 130 करोड़ लोगों से आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष को “संकल्प-वर्ष” के रूप में मनाने का आह्वान किया है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर क्षेत्र में, चाहे देश की रक्षा की बात हो या अर्थव्यवस्था को गति देने की, चाहे नई शिक्षा नीति लाने के लिए आमूलचूल परिवर्तन हो, देश के छोटे व्यवसायों को समृद्ध करना हो, स्वयं सहायता समूहों को समृद्ध करना हो और प्रत्येक नागरिक को समृद्ध बनाने का प्रयास हो, देश के युवाओं को विश्व मंच पर स्थापित करना हो, भारत को दुनिया में सबसे आगे रखने का प्रयास किया है। हमारा लक्ष्य सभी सहकारी आंदोलनों के कार्यकर्ताओं के लिए सहकारी आंदोलन को मजबूत करना और इसे आज़ादी के 100वें वर्ष में दुनिया का सबसे मजबूत सहकारी आंदोलन बनाना है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि 71 साल पहले सुमुल की यात्रा 200 लीटर से शुरू होकर आज 20 लाख लीटर तक पहुंच गई है, जिसमें दुग्ध उत्पादक आदिवासी भाईयों, बहनों का बहुत बड़ा योगदान है। आज आदिवासी बहनों की मेहनत और लगन से रोजाना सात करोड़ रुपये का दूध बिकता है और ढाई लाख सदस्यों के बैंक खातों में सीधे सात करोड़ रुपये पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। कौन सोच सकता है कि एक-दो एकड़ में खेती करने वाली आदिवासी बहन के बैंक खाते में रोज पैसे जमा होते हैं। ये सहकारिता के सिद्धांत का चमत्कार है, सहकारिता आन्दोलन का चमत्कार है।
यह एक सहकारी प्रणाली है जो गुजरात में और अमूल के तत्वाधान में, त्रिभुवन पटेल जी के पुरुषार्थ और पराक्रम से खड़ी हुई व्यवस्था का चमत्कार है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुजरात की जनता ने सहयोग/सहकारिता का चमत्कार देखा है। सरदार पटेल, त्रिभुवन भाई, भाई काका और वैकुंठभाई मेहता ने गुजरात में एक मजबूत सहकारी आंदोलन की नींव रखने का काम किया और आज अमूल उसी नींव पर खड़ा है। अमूल का ब्रांड 53,000 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ एक वैश्विक ब्रांड बन गया है, जो सहकारी आंदोलन की ताकत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि दक्षिण गुजरात के किसान समृद्ध हुए हैं और इसमें सहकारी आंदोलन से चल रही सहकारी चीनी मिलों का बहुत बड़ा योगदान है। गर्व के साथ कहा जा सकता है कि आज देश में सबसे अच्छी व्यवस्था वाली चीनी मिलें गुजरात में हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में बहुत सारी सुविधाएं सहकारी क्षेत्र के लिए दी हैं। चीनी मिलों से जुड़े लोग आठ हज़ार करोड़ रूपए की देनदारी और और आयकर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए 40 सालों से संघर्ष कर रहे थे जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने तुरंत हल कर दिया। उन्होंने सहकारी उत्पादन करनेवाली सभी संस्थाओँ को कॉर्पोरेट टैक्स के समकक्ष ला दिया।
भारत की सभी प्राईमरी एग्रीकल्चर सोसायटीज़ को सॉफ्टवेयर देने का काम आने वाले दिनों में नरेन्द्र मोदी सरकार करने वाली है। 900 करोड़ रूपए से ज्यादा बजट के साथ बुनियादी सुविधाओं के लिए सरकार ने सहकार विभाग की स्थापना की है। मैं पूर्ण विश्वास से कह सकता हूँ कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का 5 ट्रिलियन डॉलर ईकोनॉमी का सपना है और उसमें सबसे ज्यादा योगदान आनेवाले दिनों में सहकारिता क्षेत्र करेगा, जिससे लाखो-करोडो लोगों को लाभ होगा।
सुमुल (सहकारिता) समृद्ध हो तो ढाई लाख लोगों को फायदा होगा और अगर प्राईवेट डेयरी मजबूत हो तो सिर्फ़ पांच लोगों को लाभ होता है। सहकारी क्षेत्र मजबूत होगा तो देश का गरीब आदमी मजबूत होगा, देश का किसान मजबूत होगा, देश की पशुपालक बहन, माता, पुत्री मजबूत होंगी।
शाह ने कहा कि सुमुल ने 11 जिलो में कुपोषण समाप्त करने की एक लडाई शुरु की है और ये लड़ाई सहकारिता की भावना से लड़ी जा रही है। लगभग 20,000 आंगनवाड़ियों में छोटे बच्चों, बच्चियों को कुपोषण से मुक्त कर सुमुल ने सहकारी भावना का ज्वलंत उदाहरण पेश किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वह गुजरात के किसानों से अपील करना चाहते हैं कि सभी प्राकृतिक खेती का अध्ययन करें, इसे जानें, स्वीकार करें और अपने खेतों में अमल में लाएं। आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में यह अभियान चलाएं, इससे हम न केवल पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा करेंगे, बल्कि किसानों की समृद्धि को भी बढ़ाएंगे और इसके साथ ही 130 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी भी हमारी है।
हम लोगों तक रसायन मुक्त अनाज, रसायन मुक्त भोजन, रसायन मुक्त फल, रसायन मुक्त सब्जियां पहुंचाने में पूरी तरह सफल होंगे। विश्वास है कि मोदी जी का “समृद्ध और स्वस्थ भारत” का सपना साकार होगा।