नई सहकारिता नीति पर 12-13 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे। सहकारिता राज्यमंत्री बी. एल. वर्मा भी इस सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे।
इस सम्मेलन में दो दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव तथा संयुक्त सचिव, सभी राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और रजिस्ट्रार सहकारिता तथा लगभग 40 सहकारी और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों के प्रमुख भाग लेंगे।
इस सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें वर्तमान कानूनी ढांचा, नियामक, नीति, परिचालन बाधाओं और उपायों की पहचान के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की ओर अग्रसर होने और सहकारी समितियों और अन्य आर्थिक संस्थाओं के बीच एक समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता समेत अन्य शामिल है।
सम्मेलन में सहकारी सिद्धांतों, लोकतांत्रिक सदस्य नियंत्रण, सदस्यों की बढ़ती भागीदारी, पारदर्शिता, नियमित चुनाव, मानव संसाधन नीति, अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं का लाभ उठाने सहित शासन को मजबूत करने के लिए सुधार, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, इक्विटी आधार को मजबूत करने, पूंजी तक पहुंच, गतिविधियों का विविधीकरण, उद्यमिता को बढ़ावा देने, ब्रांडिंग, विपणन, व्यवसाय योजना विकास, नवाचार, प्रौद्योगिकी अपनाने और निर्यात को बढ़ावा देकर सहकारी समितियों को जीवंत आर्थिक संस्था बनाने पर विचार किया जाएगा।
सहकारी समितियों को मुख्यधारा में शामिल करते हुए प्रशिक्षण, शिक्षा, ज्ञान का आदान-प्रदान और जागरूकता निर्माण, प्रशिक्षण को उद्यमिता से जोड़ना, महिलाओं, युवा और कमजोर वर्गों को शामिल करना आवश्यक है। नई सहकारी समितियों को बढ़ावा देना, निष्क्रिय समितियों को पुनर्जीवित करना, सहकारी समितियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, सदस्यता बढ़ाना, सहकार को औपचारिक बनाना, सतत विकास के लिए सहकारी समितियों को विकसित करना, क्षेत्रीय असंतुलन को कम करना और नए क्षेत्रों की खोज करना और सामाजिक सहकारिता को बढ़ावा देना और सामाजिक सुरक्षा में सहकारी समितियों की भूमिका समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सहकारिता मंत्री के मार्गदर्शन में मंत्रालय इस तरह के कई सम्मेलन आयोजित करेगा, इसी कड़ी में यह प्रथम प्रयास है। इसके उपरांत जल्द ही सभी सहकारी फेडरेशन के साथ एक अन्य कार्यशाला प्रस्तावित है, जिसमें उनके विचारों को आमंत्रित किया जायगा।
इन प्रयासों के परिणाम के आधार पर नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का प्रारूप तैयार होगा, जो सहकारिता क्षेत्र के विकास को तीव्र गति प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सहकार से समृद्धि के मंत्र को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।
सहकारिता मंत्रालय कई नई योजनाओं के निर्माण की ओर कदम बढ़ा रहा है, जैसे कि पैक्स का डिजिटलीकरण, सहकारी समितियों के राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने की योजना, सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण योजना तथा सहकारिता से समृद्धि योजना, इत्यादि। सहकारिता मंत्रालय नई राष्ट्रीय सहकारी नीति भी तैयार कर रहा है, जो राष्ट्रीय सहकारी नीति-2002 को प्रतिस्थापित करेगी।