भारतीय रिजर्व बैंक ने श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक और लक्ष्मी कोऑपरेटिव बैंक पर जारी दिशा-निर्देश में विस्तार किया है।
बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक, आरबीआई ने कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक नियमिता पर जारी निर्देश को 11 मई, 2022 से लेकर 10 नवंबर, 2022 तक छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया है।
यह बैंक 02 जनवरी, 2020 से आरबीआई के दिशा-निर्देश के अधीन है। इस दौरान निदेशों में समय-समय पर संशोधन किया गया है। फिलहाल संदर्भित निदेश के अन्य नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।
वहीं सोलापुर स्थित लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक पर जारी दिशा-निर्देश को आरबीआई ने 12 मई 2022 से लेकर 11 अगस्त 2022 तक तीन महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया है।
उक्त निदेश जमाराशियों की निकासी/स्वीकृति पर कुछ प्रतिबंध और/या उच्चतम सीमा निर्धारित करते हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।
निदेश जारी करने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा, आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
पाठकों को याद होगा कि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक में वित्तीय अनियमितताओं को पता लगाने के लिए आरबीआई ने आर अशोकन को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया था। बैंक में हुये घोटाले से लगभग 40,000 जमाकर्ता प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक हैं।
इस बीच, कई जमाकर्ताओं को उनका पैसा डीआईसीजीसी से वापस मिल गया है। वर्तमान में, संकटग्रस्त बैंक का किसी अन्य बैंक के साथ विलय करने पर विचार-विमर्श चल रहा है।