महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में गुजरात स्थित मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (दूधसागर डेयरी) के बोर्ड ने श्रीमती जशीबेन देसाई को उपाध्यक्ष के रूप में चुना है।
बता दें कि अमृतभाई देसाई ने व्यक्तिगत कारणों से उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और जिसके बाद से उक्त पद खाली हो गया था।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन ने डेयरी सहकारी आंदोलन में राज्य की महिलाओं को सशक्त करने पर दिया था। और ऐसे कई मामलों में देखा भी गया था जब महिलाओं ने शीर्ष नेतृत्व की डोर अपने हाथों में संभाली थी।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में दूधसागर डेयरी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देसाई करीब दो दशकों से हमारी संस्था के साथ जुड़ी हुई हैं। वह गुजरात के मेहसाणा जिले में कडी तालुका के कसवा गांव में स्थित एक दूध मंडली का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इस खबर का स्वागत करते हुए, जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक डॉ आर एस सोढ़ी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा, “अमूल में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाता है। कासवा गांव की श्रीमती जशीबेन देसाई को सर्वसम्मति से मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ का उपाध्यक्ष चुना गया है।”
सोढ़ी के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘वाह! यह जानकर बहुत खुशी हुई कि महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। आशा है कि उनके नेतृत्व में और अधिक ग्रामीण महिलाएं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
एक अन्य यूजर ने लिखा, “ग्रामीण महिलाओं के जीवन में क्रांति त्रिभुवन काका की दूरदर्शिता और कुरियन के अग्रणी कार्य का परिणाम है।”
दूधसागर डेयरी की स्थापना उत्पादकों को उचित रिटर्न सुनिश्चित करने के इरादे से 1960 में की गई थी। यह मेहसाणा जिले में दुग्ध सहकारी समितियों का एक जिला स्तरीय शीर्ष निकाय है, जिसका उद्देश्य दूध उत्पादकों को लाभकारी रिटर्न प्रदान करना है। डेयरी का कुल कारोबार 5000 करोड़ रुपये से अधिक का है।