उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने बुधवार को एनसीयूआई सभागार में अपनी 51वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया। इस मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए सहकारी प्रतिनिधि न केवल इस बात से उत्साहित थे कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह नैनो यूरिया संयंत्र का उद्घाटन किया बल्कि इफको ने वित्त वर्ष 2021-22 में कर पूर्व 2598 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जो संस्था के इतिहास में सर्वाधिक है।
अपने संबोधन में संस्था के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 सामान्य रूप से उर्वरव सहकारी संस्था इफको और विशेष रूप से सहकारी क्षेत्र के लिए काफी यादगार रहा। जहां गत वित्त वर्ष में इफको ने किसानों के लिए नैनो उर्वरकों की रेंज को मार्केट में उतारा वहीं मोदी सरकार ने सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय का गठन करके इस क्षेत्र को मजबूत बनाने का काम किया है।
“कोविड-19 महामारी के बावजूद भी संस्था अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम रही है और यह इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी की दूरगामी सोच को दर्शाता है। पूरे कोरोना काल में अवस्थी और उनकी टीम ने समर्पित भाव से काम किया”, संघानी ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, उनके प्रयासों ने हमें संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी जनादेश को हासिल करने के लिए प्रेरित किया है क्योंकि नैनो यूरिया सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल है।
इस अवसर पर इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी ने कहा कि, 28 मई 2022 का दिन इफको के लिए काफी ऐतिहासिक दिन था। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल गुजरात में नैनो यूरिया संयंत्र का उद्घाटन किया बल्कि पूरे विश्व में कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने का काम किया।
“अपने संबोधन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नैनो यूरिया के महत्व को बारीकी से समझाते हुए कहा कि नैनो टेक्नोलॉजी से दुनिया को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकता है”, अवस्थी ने शाह के भाषण के रेखांकित करते हुए कहा।
इफको के एमडी ने आगे कहा, “इस साल 8 करोड़ नैनो यूरिया की बोतलों के उत्पादन से भारत को 24000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी। “कल्पना कीजिए कि अगले साल जब हम 25 करोड़ बोतलों का उत्पादन करेंगे, तो यह आंकड़ा 75000 करोड़ रुपये हो जाएगा। क्या यह एक औसत उपलब्धि है? उन्होंने बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों से पूछा।
सहकारिता मॉडल के गुणों की प्रशंसा करते हुए, एमडी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि सहकारी क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत नैनो यूरिया प्लांट में भारत में बने पार्ट्स ही लगे हैं। 2025 तक इफको 10 नैनो प्लांट लगाएगा और नैनो डीएपी, नैनो जिंक, सल्फर, कॉपर आदि का उत्पादन करेगा”, एमडी ने कहा।
डॉ. अवस्थी ने बताया कि, इफको के अगले 25 वर्षों तक सदस्यों को 20 प्रतिशत लाभांश देने के लिए पैसा रिजर्व रख दिया है। “अगर सरकार से अनुमति मिली तो हम लाभांश की दर बढ़ाने पर भी विचार कर सकते हैं”, एमडी ने कहा।
अंत में, इफको के एमडी ने देश की मिट्टी से रसायनों को हटाने का आह्वान किया। अवस्थी ने कहा कि अगर हम वास्तव में आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं तो हमें रसायनों से छुटकारा पाना होगा। इस मौके पर उन्होंने वैज्ञानिकों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और आरजीबी सदस्यों को भविष्य में भी इफको की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।