उत्तराखंड सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारिता पंजीयक को हर जिले के प्रत्येक ब्लॉक में हर माह कम से कम पांच सहकारी समितियों के साथ सहकारी संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने यह बात हाल ही में सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में कही। रावत ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद के प्रत्येक ब्लॉक से सम्बन्धित सहायक विकास अधिकारी व अपर जिला सहकारी अधिकारी सम्बन्धित ब्लॉक की कलस्टरवार सहकारी खेती तथा अदरक, हल्दी, लैमन ग्रास, शहद आदि गतिविधियों पर आधारित कलस्टर का चयन कर वहाँ के किसानों से संवाद करेंगे।
सहकारिता मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि जिला सहकारी बैंक की शाखाओं तथा सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित किये जाने वाले ब्याजरहित ऋण का शेयर सर्टिफिकेट सम्बन्धित लाभार्थी को दिया जाए तथा ए.जी.एम. में प्रस्ताव कर किसानों / लाभार्थी को प्राप्त लाभांश उनको नकद रूप में दिया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए गये कि प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ ) सहकारिता की नियुक्ति की जाए तथा मण्डल स्तर पर स्थानान्तरण का अधिकार मण्डलीय उप निबन्धक, सहकारी समितियां उत्तराखण्ड को प्रदान किया जाए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों में सहकारिता विभाग के निबंधक आलोक कुमार पांडेय, उपनिबंधक नीरज बेलवाल, उपनिबंधक एमपी त्रिपाठी ने दो – दो जिलों की करीब एक-एक दर्जन समिति का निरीक्षण किया था। जिसमें उन्होंने समिति से जुड़े लोगों से संवाद किया और समस्या जानी।
रावत ने विभागीय ढांचे में उप निबन्धक, सहायक निबन्धक के पद बढ़ाये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिए। प्रदेश की समस्त सहकारी समितियों की निजी भूमियों की रजिस्ट्री की जाए तथा प्रदेश की समस्त सहकारी समितियों के भवनों के रंगाई में एक रंग व डिजाईन का प्रयोग कर एकरूपता लायी जाए, मंत्री ने कहा।
सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सहकारिता विभाग के समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह समय से प्रस्ताव बनाएं और उस पर काम करें।
बैठक में आलोक कुमार पांडेय, ईरा उप्रेती, मान सिंह सैनी, अनिल कुमार गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।