रुपये की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मूल्य में वृद्धि के कारण एक टन उर्वरक (डीएपी) के मुल्य में 3,500 रूपए की वृद्धि हो गई. घरेलू जरूरतों की पूर्ति के लिए उर्वरक अन्य देशों से आयात किया जाता है, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यू.एस. अवस्थी ने चंडीगढ़ में कहा. उन्होंने आगे कहा कि इफको ने डॉलर की मुल्य-वृद्धि का प्रभाव किसानो को भी अग्रसारित किया है.
इफको का चालू वित्त वर्ष में के 6 लाख टन डीएपी के आयात लक्ष्य है. पिछले वित्त वर्ष में इसने 8 लाख टन डीएपी आयात किया था. इफको अमेरिका, रूस, जापान, मोरक्को, ट्यूनीशिया, इसराइल, जोर्डन, आदि देशों से उर्वरक आयात करता है अवस्थी ने कहा कि वर्तमान में इफको १८१०० रुपये प्रति टन की कीमत पर डीएपी बेचता है, जबकि इसे केन्द्र से 19,700 रुपये प्रति टन की सब्सिडी मिलती है.
विदेशी विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के अलावा, पिछले पांच महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमत में वृद्धि से भी उर्वरक के मुल्य में वृद्धि हुई है.