हिमाचल प्रदेश के सहकारी बैंक बढ़ते एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) की समस्या से जूझ रहे हैं और बताया जा रहा है कि 2,226 करोड़ रुपये वापस मिलने की कम संभावना है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक।
कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक का एनपीए 34.28 फीसदी हैं वहीं कांगड़ा सेंट्रल को-ऑप बैंक का एनपीए 29.17 फीसदी है। इसके अलावा, बघाट शहरी सहकारी बैंक का एनपीए 28.80 फीसदी और राज्य सहकारी बैंक का 8.68 फीसदी है।
इन बैंकों का कृषि क्षेत्र में 972 करोड़ रुपये फंसा हुआ है।