केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को गुजरात के अमरेली में सहकार सम्मेलन- अमरेली ज़िले की प्रमुख सहकारी संस्थाओं की एजीएम को संबोधित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री परषोत्तम रूपाला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। एनसीयूआई के अध्यक्ष और अमरेली के लोकप्रिय सहकारी नेता दिलीप संघानी ने इसकी मेजबानी की थी।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि गिर गाय की नस्ल को संवर्धित करने, उसका संरक्षण करने और उसके साथ-साथ उसमें अंदर सुधार करने के लिए एक केन्द्र भी अमरेली में बनने जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकार से समृद्धि के कॉन्सेप्ट को देश के सामने रखने और इसके लिए सहकारिता मंत्रालय बनाकरदेश के करोड़ों किसानों को समृद्ध बनाने का एक नया प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि अमरेली जिला मध्यस्थ सहकारी बेंक का 1995 से 2022 तक का इतिहास अगर देखें तो पता चलता है कि इतने वर्षों में इसका ग्राफ कभी नीचे नहीं गया बल्कि हमेशा ऊपर की ओर गया है। अमर डेयरी की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि 2002 में अमर डेयरी में 2500 लीटर दूध प्रोसेस होता था लेकिन आज 1,25,000 लीटर दूध यहां प्रोसेस हो रहा है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्राकृतिक खेती पर भी ख़ासा ज़ोर दिया है। ओर्गेनिक प्रोडक्ट हमारे देश और दुनियाभर के लोगों का स्वास्थ्य सुधारेंगे और किसानों को भाव भी ज्यादा मिलेगा।
“इस वर्ष के बजट में सहकारी मंडियों पर लगने वाले वैकल्पिक कर को 18.5% से घटाकर 15% और सरचार्ज को 12% से घटाकर 7% किया गया। केन्द्र सरकार राष्ट्रीय सहकार डेटाबेस भी बनाने पर काम कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि एक कोऑपरेटिव डेटाबेस बनेगा, जिससे मंडलियों की संख्या और सेहत दोनों की जांच ऑनलाईन भारत सरकार कर सकेगी”, शाह ने कहा।
उन्होंने कहा कि आज 65 हजार पैक्स हैं और हमने लक्ष्य रखा है कि इस संख्या को पांच साल में 65 हजार से बढाकर 3 लाख किया जाएगा और पैक्स बनाने का कार्यक्रम इसी वर्ष दिसम्बर माह से प्रारंभ होगा। लगभग 2516 करोड़ रूपए पैक्स के कम्प्यूटराइज़ेशन के लिए मोदी सरकार ने दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार एक नई सहकार नीति लाने पर भी काम कर रही है जो सहकारिता में हेल्थ, इन्श्योरेंस, ट्रांस्पोर्टेशन, पर्यटन आदि गतिविधियों को जोड़ेगी। वर्तमान ट्रेनिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सहकार नीति के साथ-साथ सहकार यूनिवर्सिटी बनाकर सभी तक ट्रेनिंग पहुंचाने का काम भी केन्द्र सरकार करने जा रही है और इसके लिए मोदी जी ने 55 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।