आज आदमी जिसने सफेद क्रांति की शुरुआत की और भारत को डेयरी उत्पादों की ताकत बनाया, का जन्म दिन २६ नवम्बर को था. डेयरी सहकारी आंदोलन के अगुआ डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर, 1921 को कोझीकोड, केरल में हुआ था. “अमूल” को उनके मानस पुत्र के रूप में जाना जाता है. छोटे किसानों को संगठित कर उन्होंने एक विचार को जन्म दिया जिसने अमूल के रूप में विश्व स्तर के ब्रांड के उद्भव देखा. उपयुक्त रूप से अमूल ने उनके जन्म दिन पर एक विज्ञापन बनाया है जिसमें इसने कुरियन को धन्यवाद दिया है.
देश की राजधानी दिल्ली में होने वाली सहकारिता की शायद ही किसी बैठक में अमूल और कुरियन के नामों का उल्लेख नहीं होता है. दिल्ली में हाल ही में इफको सहकारी पुरस्कार की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि अमूल सफल सहकारी मॉडल का एक जीवंत उदाहरण है.