सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पाचपोर ने हाल ही में नागालैंड के दूरदराज के इलाकों का दौरा किया और सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अपने दौरा के दौरान युवाओं और महिलाओं के साथ बातचीत की।
पचपोर ने नागालैंड के चोमोकेदिमा जिले के धनसिरीपार गांव में एक बैठक में भाग लिया, जिसमें 25 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिला प्रतिनिधियों ने शिरकत की।
यात्रा के दूसरे दिन नागालैंड इकाई द्वारा राज्य की राजधानी कोहिमा में बैठक कार्यक्रम में नौ जिलों के 38 कार्यकर्ता ने भाग लिया। सहकार भारती सदस्यों के अलावा, बैठक में सहकारी क्षेत्र के अधिकारी, कृषि क्षेत्र व युवा शामिल हुए।
बैठक के दौरान चर्चा की गई कि राज्य में 8000 से अधिक सहकारी समितियां पंजीकृत हैं, लेकिन 1% से भी कम सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि नई सहकारी समितियों के गठन के साथ-साथ निष्क्रिय सहकारी समितियों को पुनर्जीवित किया जाएगा।
यह चर्चा की गई और सुझाव दिया गया कि नागालैंड में पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि संबद्ध, हथकरघा और स्वदेशी शिल्प एवं सुवर पालन को फोकस किया जाएगा। सहकारी समितियों के साथ-साथ राज्य के सभी 16 जिलों में जिला इकाइयों के गठन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इससे पहले पाचपोर और सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव डॉ उदय जोशी ने संयुक्त रूप से असम में एक सहकारी सम्मेलन को संबोधित किया था।
सहकार भारती की असम इकाई ने गुवाहाटी में “सहकारी समिति के गठन” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में 31 जिलों के कुल 140 अधिकारियों ने भाग लिया। दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन संजय पचपोर और राष्ट्रीय महासचिव डॉ उदय जोशी की उपस्थिति में किया गया।
पाठकों को याद होगा कि पाचपोर ने पंजाब के लुधियाना और पठानकोट का भी दौरा किया था। उन्होंने लोगों से पंजाब के प्रत्येक जिले में कम से कम 10 पैक्स को आदर्श पैक्स के रूप में विकसित करने का भी आह्वान किया।