भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में कई सहकारी बैंकों पर जुर्माना ठोका है। इनमें सिटी को-ऑपरेटिव बैंक, मैसूर, प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक, मुंबई और नगर सहकारी बैंक, यूपी समेत अन्य बैंक शामिल हैं।
आरबीआई ने जम्मू और कश्मीर राज्य सहकारी बैंक पर तीस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
वहीं मैसूर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मैसूर, कर्नाटक (बैंक) पर अग्रिमों का प्रबंधन- शहरी सहकारी बैंक के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन/ उल्लंघन के लिए 5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह मुंबई स्थित प्रताप सहकारी बैंक लिमिटेड पर निर्देशो का पालन न करने हेतु आरबीआई ने छह लाख रुपये का जुर्माना ठोका है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, महाराजगंज, यूपी पर चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यूसीबी ने आरबीआई द्वारा सुपरवाइजरी एक्शन फ्रेमवर्क (सेफ) के तहत जारी निर्देशों का उल्लंघन किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मैसूर, कर्नाटक (बैंक) पर अग्रिमों का प्रबंधन- शहरी सहकारी बैंक के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन/ उल्लंघन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।