भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुंबई स्थित ज़ारोऐस्ट्रीअन को-ऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई द्वारा जारी ‘शहरी सहकारी बैंकों द्वारा बिलों की भुनाई – प्रतिबंधित साख पत्र (एलसी)’ संबंधी निदेशों और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 45वाई के अंतर्गत तैयार किए गए सहकारी बैंक (अभिलेखों के संरक्षण की अवधि) नियम, 1985 (नियम) के प्रावधानों के अननुपालन के लिए 1.25 करोड़ का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।