वर्ष 2021-22 (अनंतिम) के दौरान सहकारी समिति दुग्ध उत्पादन केन्द्रों की कुल संख्या 2,28,374 रही, जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश (42,389) और सबसे कम मेघालय (21) में है।
यह जानकारी केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने लोकसभा सदस्य श्रीमती वीणा देवी द्वारा देश में सहकारी दुग्ध उत्पादन केंद्रों की कुल संख्या से संबंधित एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए साझा की।
रूपाला ने आगे कहा कि पशुपालन और डेयरी विभाग दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को सब्सिडी और ब्याज सबवेंशन प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। डेयरी प्रसंस्करण अवसंरचना ढांचा विकास निधि (डीआईडीएफ) योजना, दूध प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और प्रशीतन सुविधाओं के सृजन के उद्देश्यों से लागू जा रहा है।
“योजना के तहत, नाबार्ड बाजार से धन जुटाता है और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड तथा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से 2.5% ब्याज सबवेंशन के साथ डेयरी सहकारी समितियों को ऋण वितरित करता है। पशुपालन और डेयरी विभाग राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक को 2.5% ब्याज सबवेंशन प्रदान करता है”, उन्होंने बताया।
रूपाला के जवाब में आगे लिखा, “राज्य डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों को सहायता योजना के तहत, वित्तीय वर्ष 2020-21 से कार्यशील पूंजीगत ऋण पर ब्याज सबवेंशन के रूप में एक बारगी सहायता शुरू की गई है।”