केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा सदस्य मोहनभाई कुंदरिया द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि सहकारिता मंत्रालय में एक अलग सहकारी ‘लोगो’ चिन्ह शुरू करने का कोई प्रस्ताव विचारधीन नहीं है।
“सहकारी समितियां अपनी सहकारी उपज को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड के रूप में ‘लोगो’ को अपना सकती हैं। उदाहरण के लिए कुछ अनुसूचित (एमएससीएस अधिनियम 2002 की अनुसूची II के तहत) सहकारी समितियों जैसे इफको, कृभको आदि का अपना लोगो है”, शाह ने कहा।
उन्होंने कहा, “राज्य और बहु राज्य स्तरों पर सहकारी समितियां स्वायत्त आर्थिक संस्थाओं के रूप में कार्य करती हैं। राज्य स्तर पर सहकारी समितियों का निगमन, विनियमन और परिसमापन राज्य सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा राज्य सहकारी अधिनियमों के अनुसार किया जाता है और बहु-राज्य स्तर पर यह बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम 2002 के अनुसार केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वार किया जाता है।”