सहकार भारती उत्तर प्रदेश की कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक रविवार को मेरठ में संपन्न हुई, जिसमें सहकारिता के माध्यम से समृद्धि लाने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव उदय जोशी ने किसानों को सहकारिता आंदोलन से जोड़ने और सहकारी निकायों में खुली सदस्यता पर जोर दिया।
इस बैठक का आयोजन हस्तिनापुर (मेरठ) में मोती धंस अयोध्यापुरी मंडप में किया गया। राज्य भर से 300 से अधिक सहकार भारती के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इसमें आठ प्रस्ताव पारित किए गए।
उदय जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता क्षेत्र का महत्व भविष्य में निरंतर और बढ़ने ही वाला है। किसानों की आय दोगुनी करने का स्वप्न सहकारिता के माध्यम से ही साकार होने वाला है। केंद्र सरकार इस दिशा में भरसक प्रयास कर रही है।
“केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर पैक्स और सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। बड़ी संख्या में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बन रहे हैं, इससे किसान और बागवान स्वावलम्बी बनने की ओर अग्रसर हैं। गांव-गांव स्वयं सहायता समूहों की स्थापना होने से महिलाओं में आत्मनिर्भरता आ रही है”, जोशी ने कहा।
उन्होंने कहा, “अंत्योदय और एकात्म मानववाद का स्वप्न भी सहकारिता के माध्यम से ही साकार होगा। सहकारिता के माध्यम से स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और व्यक्ति स्वावलंबन का लक्ष्य भी पूरा होगा। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसानों को भी सहकार भारती से जोड़ने के लिए अभियान चलाना होगा। उन्होंने कार्यसमिति के समापन पर भविष्य की दिशा तय करने का लक्ष्य दिया।
“क्षमता निर्माण के साथ-साथ सहयोग की भावना को मन में बैठाना भी हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए। सहयोग की भावना तभी आ सकती है जब उसमें पवित्रता हो। सहकारी समितियों का जन्म साहूकारों से छुटकारा पाने के लिए हुआ था”, जोशी ने बताया।
इस मौके पर प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने प्रस्ताव प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कुल आठ प्रस्ताव पास किए गए हैं। कोऑपरेटिव एक्ट की धारा 31 में संशोधन हुए संशोधन 31ए को खत्म किया जाए। इससे सहकारी संस्थाओं के चुने हुए संचालक मंडल के अधिकार पुनः बहाल हो सकें। पैक्स की 40% समितियों में सचिवों की कमी है। अतः सचिवों की नियुक्ति करते हुए उनका वेतन सरकार वहन करे, उन्होंने पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए कहा।
उन्होंने आगे कहा, “सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय कार्य करने हेतु अधिकृत किया जाए। सहकारी समितियां/केन्द्रीय सहकारी समितियों/अपेक्स संस्थाओं का निष्पक्ष चुनाव हों। सहकारिता के मूल सिद्धांतों अनुरूप सहकारी समितियों में खुली सदस्यता लागू किया जाए।”
इस मौके पर प्रदेश संगठन प्रमुख डॉ. अरुण सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरेंद्र मिश्रा व अरुण सिंह, प्रदेश मंत्री कृष्ण कुमार ओझा, प्रदेश संपर्क प्रमुख अशोक शुक्ला, गन्ना प्रकोष्ठ प्रमुख कर्मवीर, सहित कई लोग मौजूद रहे।