केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक कोऑपरेटिव यूनिवर्सिटी की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं।
शाह ने आगे कहा, “मंत्रालय नई राष्ट्रीय सहयोग नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है। 2 सितंबर 2022 को श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिसमें सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञ, राष्ट्रीय/राज्य/जिला/प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव (सहकारिता) और आरसीएस, केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी शामिल हैं।
नई राष्ट्रीय सहयोग नीति के निर्माण से ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने, सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा देने, देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच को गहरा करने में मदद मिलेगी।
इस संबंध में पहले हितधारकों के साथ परामर्श किया गया था और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/संघ शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय सहकारी संघों, संस्थानों तथा आम जनता से भी नई नीति तैयार करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
राष्ट्रीय स्तर की समिति नई नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए संग्रहीत फीडबैक, नीतिगत सुझावों और सिफारिशों का विश्लेषण करेगी।
मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय एनसीयूआई द्वारा चलाया जाएगा और मंत्रालय द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।