एनसीयूआई ने पिछले सप्ताह उत्तराखंड के मसूरी में सेंट्रल जोन सहकारी सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें सहकारी समितियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई।
इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा, “सहकारी समितियों को अपने कामकाज में अधिक से अधिक महिलाओं को शामिल करना चाहिए, जिसे सहकारी क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाया जा सके। उत्तराखंड में 60 हजार से ज्यादा एसएचजी हैं, जिनसे छह लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं।”
अपने संबोधन में एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा, “सेंट्रल जोन में स्थित सहकारी समितियां अच्छा काम कर रही हैं। वर्ष – 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ के रूप में घोषित किया गया है और सहकारी समितियां बाजरा का उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। सहकारिता की मदद से सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है”, उन्होंने कहा।
इस मौके पर आईसीए-एपी के अध्यक्ष डॉ. चंद्र पाल सिंह यादव ने जोर देकर कहा कि सहकारिता पर एक अध्याय बनाकर उसे स्कूलों के शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
यादव ने आगे कहा कि बहु-राज्य सहकारी निर्यात समिति के गठन से अब सहकारी समितियां विशेष रूप से पैक्स गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का निर्माण करें।
बीएल मीणा, प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग, यूपी, ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पैक्स के उपनियमों को अपनाया है, जो इन समितियों को कई कार्यात्मक गतिविधियों को करने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सहकारी समितियों ने राज्य में गोदाम स्थापित किए हैं। प्रमुख सचिव ने कहा कि यूपी में सहकारिता ने रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इससे पहले, एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुधीर महाजन ने संस्था की नई पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें उन्होंने एनसीयूआई हाट, एनसीयूआई इनक्यूबेशन सेंटर, सहकारी उद्यमिता विकास सेल समेत अन्य का जिक्र किया।
मध्य क्षेत्र सहकारी सम्मेलन में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड की सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर नेफेड के अध्यक्ष डॉ. बिजेंदर सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। सत्र का संचालन एनसीयूआई के कार्यकारी निदेशक वेद प्रकाश सेतिया ने किया।
सहकारी सम्मेलन के एक दिन पहले एनसीयूआई ने उत्तराखंड में अपनी जीसी बैठक का आयोजन किया, जिसमें श्रीमती सावित्री सिंह की उप मुख्य कार्यकारी के रूप में नियुक्ति की पुष्टि की गई। भारतीय सहकारिता से बात करते हुए एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में जीसी बैठकें आयोजित करने से हमें जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी।