इफको के मार्केटिंग हेड योगेंद्र कुमार ने एक यूट्यूब टीवी चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा कि 2025-2026 तक इफको नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की 30 करोड़ से अधिक बोतलों का उत्पादन होगा।
उन्होंने कहा, “अगस्त 2021 से मार्च 2022 तक, हमने किसानों को इफको नैनो यूरिया की 2.15 करोड़ बोतलें बेचीं और पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में, इफको नैनो यूरिया की 2.75 करोड़ से अधिक बोतलें बेची गईं।”
कुमार ने आगे कहा, “हम पहले केवल अपने कलोल (गुजरात) स्थित संयंत्र के माध्यम से नैनो यूरिया का उत्पादन कर रहे थे, लेकिन इस जनवरी से फूलपुर और आंवला सहित दो और संयंत्रों के माध्यम से उत्पादन शुरू किया गया है। चालू वित्त वर्ष में, हमने 4 करोड़ से अधिक बोतलों का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है और उन्हें किसानों के बीच वितरित करेंगे”, उन्होंने कहा।
“हम नैनो यूरिया के प्रचार-प्रसार में भी कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। इसके लिए विभिन्न जागरूकता शिविर, सेमिनार, कार्यशालाएं और ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। हमने नैनो यूरिया के लाभों के बारे में किसानों को शिक्षित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी काफी जानकारी साझा की है। हमें भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन से भी भरपूर सहयोग मिल रहा है”, कुमार ने कहा।
राज्यों में यूरिया की उपलब्धता से संबंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए कुमार ने कहा, “इस समस्या से आने वाले समय में निपटा जा सकता है। इफको ने अभी दो कंपनियों को नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए टेक्नोलॉजी साझा की है और कई अन्य कंपनियां भी हमारे संपर्क में हैं। एक बार पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित होने के बाद, इस समस्या से निजात मिल सकता है।”
साक्षात्कार के दौरान कुमार ने कई उदाहरण भी साझा किया जिन्होंने अपनी फसलों में नैनो यूरिया का इस्तेमाल किया और अपने अनुभवों को हमारे साथ साझा किया। इसके अलावा कुमार ने ड्रोन के जरिए नैनो यूरिया के छिड़काव पर भी बात की।
इफको के मार्केटिंग हेड ने देश के किसानों के हित में इफको नैनो यूरिया को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुखभाई मंडाविया को धन्यवाद दिया। कुमार ने इफको बोर्ड और इसके प्रबंध निदेशक डॉ यूएस अवस्थी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।