2516 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत पर देश भर की प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स)/ लार्ज एरिया मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी (लैैम्पस) / किसान सेवा समितियों (एफएसएस) का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है।
वर्तमान में, राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से 54,752 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और केंद्र के हिस्सा के रूप में हार्डवेयर की खरीद, डेटा के डिजिटलीकरण और समर्थन प्रणाली स्थापित करने के लिए 201.18 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
परियोजना अवधि के दौरान, पैक्स को हैंडहोल्डिंग सहायता प्रदान करने के लिए एक सहायता प्रणाली स्थापित की जाएगी। पैक्स में स्थापित हार्डवेयर के रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित पैक्स, डीसीसीबी और एसटीसीबी की परियोजना अवधि पूरी होने के बाद भी निरंतर आधार पर होगी।
यह बात सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही थी।
मंत्री ने अपने जवाब में प्रत्येक राज्य में कार्यात्मक पैक्स का भी विवरण दिया। 20,788 पैक्स के साथ महाराष्ट्र शीर्ष स्थान पर है, इसके बाद गुजरात और कर्नाटक हैं।
अफसोस की बात है कि दिल्ली, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, दादर और नगर हवेली में कोई कार्यात्मक पैक्स नहीं है।