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52वीं एजीएम: संघानी ने शानदार प्रदर्शन के लिए टीम इफको को दी बधाई

इफको ने मंगलवार को दिल्ली के एनसीयूआई सभागार में अपनी 52वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया, जिसमें देशभर से विभिन्न हिस्सों से आए सहकारी नेताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस मौके पर प्रतिनिधियों को संबोधित करते इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आईसीए द्वारा प्रकाशित वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनिटर 2022 की रिपोर्ट में एक बार फिर से इफको को दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी समितियों में पहला स्थान दिया गया है। यह न केवल इफको के लिए, बल्कि भारत की समस्त सहकारी बिरादरी के लिए गर्व का विषय है।”

उन्होंने आगे कहा, इस साल भी इफको अपने सदस्यों के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा कर रहा है। मुझे यह जानकर भी खुशी हो रही है कि इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यूएस अवस्थी के नेतृत्व में टीम अगले 25 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत देने की योजना बना रहा है।

इस अवसर पर नैनो यूरिया और डीएपी की सफलता के अलावा, इफको के एमडी डॉ अवस्थी के जीवन पर आधारित दो पुस्तकों का भी विमोचन किया गया। यह पुस्तकें आरजीबी के प्रत्येक सदस्यों को भेंट की गईं।

संघानी ने कहा, “मुझे आपके साथ यह साझा करने में खुशी हो रही है कि वित्त वर्ष 2022-23 में इफको ने 4,107 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ कमाया और 60,324.00 करोड़ रुपये का उच्चतम बिक्री कारोबार हासिल किया।”

उक्त वित्त वर्ष में इफको ने कई उपलब्धियां हासिल की। झारखंड के देवघर में नैनो यूरिया संयंत्र का शिलान्यास अमित शाह द्वारा किया गया। पुलपुर और आंवला में नैनो यूरिया की विनिर्माण इकाइयों का उद्घाटन डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया। इसके अलावा, शाह ने इफको नैनो डीएपी राष्ट्र को समर्पित किया, संघानी ने कहा।

उन्होंने आगे कहा, पर्यावरण संरक्षण हमेशा समाज के लिए सर्वोपरि रहा है और यह स्वच्छ और हरित भारत के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने और पारिस्थितिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इफको ने अब तक लगभग 100 लाख नीम के पौधे लगाए हैं, संघानी ने जोर देकर कहा।

अध्यक्षीय भाषण के तुरंत बाद बोलते हुए, इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि देश में पहली बार हमने एक ऐसा उर्वरक बनाया है जो पूरी तरह से स्वदेशी है। नैनो को भविष्यवादी बताते हुए अवस्थी ने कहा कि अब तक हम आयात पर निर्भर थे, लेकिन नैनो के आने से स्थिति काफी बदल गई है। यह आत्मनिर्भर भारत का एक आदर्श उदाहरण है।

अवस्थी ने प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों में नैनो यूरिया और डीएपी को लोकप्रिय बनाने में मदद करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के आरजीबी सदस्य का उदाहरण देते हुए कहा कि अली मोहम्मद वानी साइकिल पर अपने क्षेत्र में घूमकर हर रोज 500 से 1000 बोतलें बेचते हैं।

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