बिस्कोमॉन के अध्यक्ष और इफको आरजीबी सदस्य डॉ. सुनील कुमार सिंह ने अपने ओजस्वी भाषण से इफको एजीएम में मौजूद लोगों का दिल जीता।
इस मौके पर इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी के बारे में बात करते हुए सुनील ने कहा कि चार बार सांसद रहे संघानी सादगी और कर्मठ व्यक्तित्व के धनी है। वह इतने साधारण है कि लोग उन्हें हल्के में लेते हैं लेकिन याद रहे कि संघानी एक सक्षम प्रशासक हैं, जो न केवल कई सहकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं बल्कि एनसीयूआई और इफको का भी नेतृत्व कर रहे हैं।
सुनील ने इफको के अभूतपूर्व लाभ की सराहना करते हुए इसके एमडी डॉ यू एस अवस्थी और उनकी टीम को बधाई दी। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि इफको का रिकॉर्ड केवल इफको ही तोड़ सकता है, जो वह साल दर साल ऐसा कर रही है।
अवस्थी को युगपुरुष बताते हुए सुनील ने कहा कि वह भारत रत्न से भी बड़े पुरस्कार के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि इफको की उपलब्धियों ने देश के प्रत्येक सहकारी नेता को गौरवान्वित महसूस कराया है।
उन्होंने कहा कि देश में हरित क्रांति से लेकर श्वेत क्रांति में सहकारिता की अहम भूमिका रही है और अब नैनो क्रांति लाने में भी देश की सहकारी समितियों ने ही शुरुआत की है।
अपने संबोधन में सुनील ने देश भर के विभिन्न हिस्सों के आए प्रतिनिधियों को दस ग्राम सोने का सिक्का देने का सुझाव दिया। “आप हमें साल दर साल 5 ग्राम सोने का सिक्का देते आ रहे हैं, लेकिन अभूतपूर्व मुनाफे के मद्देनजर हमें इफको से 10 ग्राम सोने का सिक्का लेने में कोई आपत्ति नहीं है”, सुनील ने मजाकिया लहजे में कहा।
उन्होंने जॉर्डन और ओमान सहित इफको के विभिन्न संयंत्रों में हर साल 21 सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों को दौरा कराने का सुझाव दिया, जिसने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। यहां तक कि इफको के चेयरमैन और एमडी समेत मंच पर मौजूद लोग भी सुनील के भाषण पर मुस्कुराए बिना नहीं रह सके।
उन्होंने इस अवसर पर श्रोताओं को यह भी आश्वासन दिया कि डॉ. अवस्थी की पुस्तकें बिहार के सभी पुस्तकालयों में शामिल की जाएगी। बता दें कि सुनील आरजेडी के एमएलसी होने के साथ-साथ मंत्री का दर्जा भी संभाल रहे हैं।
सुनील ने अपने भाषण में दिलीप-उदय की जोड़ी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक नए भारत की शुरुआत कर रहे हैं जहां सहकारी समितियां एक प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।