अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के हित में आरबीआई द्वारा लिये गये नीतिगत फैसलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह सहकारी क्षेत्र के लिए अच्छा कदम है और इससे लोग सशक्त होंगे।
एक ट्वीट में अमित शाह ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सहकारी समितियों को मजबूत करने तथा उन्हें लाभार्थी और भागीदार दोनों ही रूपों में अन्य आर्थिक संस्थाओं के बराबर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने के लिए, देश में 1,514 शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को मजबूत करने के लिए चार महत्वपूर्ण पहल की गई हैं, पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के साथ विस्तृत चर्चा के अनुसार आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए इन महत्वपूर्ण उपायों को अधिसूचित किया गया है।
1. अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी) अब नई शाखाएं खोल सकेंगे
यूसीबी अपने अनुमोदित कार्यक्षेत्र में अब आरबीआई की पूर्वानुमति के बिना पिछले वित्तीय वर्ष की शाखाओं की संख्या के 10% तक (अधिकतम 5 शाखाएं) नई शाखाएं खोल सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने बोर्ड से नीति अनुमोदित करवानी होगी और वित्तीय रूप से मजबूत और सुप्रबंधित नॉर्म का पालन करना होगा।
2. शहरी सहकारी बैंक भी वाणिज्यिक बैंकों की तरह एकमुश्त निपटान कर सकेंगे
भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंक सहित सभी विनियमित संस्थाओं के लिए इस पहलू को लागू करने वाला एक फ्रेमवर्क अधिसूचित किया है। अब सहकारी बैंक अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के माध्यम से ऋण लेने वालों के साथ समझौता निपटान करने के साथ-साथ तकनीकी राइट-ऑफ की प्रक्रिया प्रदान कर सकते हैं। इसने सहकारी बैंकों को अब अन्य वाणिज्यिक बैंकों के बराबर ला दिया है।
3. शहरी सहकारी बैंकों को दिए गए प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) लक्ष्यों के लिए संशोधित समय-सीमा
भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए PSL लक्ष्यों को प्राप्त करने के चरणबद्ध समय को दो वर्ष यानी 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। 60% के पीएसएल लक्ष्य को प्राप्त करने की 31 मार्च, 2023 तक की समय सीमा को भी अब 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान पीएसएल में रही कमी को दूर करने के बाद यदि कोई, अतिरिक्त जमा होगी तो उसे यूसीबी को वापस कर दिया जाएगा।
वाणिज्यिक बैंकों की शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में भी होती हैं जबकि यूसीबी शहरी क्षेत्रों में काम करते हैं, इसलिए उन्हें इस मामले में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
4. आरबीआई में एक नोडल अधिकारी नामित करना
आरबीआई ने निकट समन्वय और केंद्रित संवाद के लिए सहकारी क्षेत्र की अरसे से लंबित मांग को पूरा करने के लिए हाल ही में एक नोडल अधिकारी भी अधिसूचित किया है।
इन पहल से शहरी सहकारी बैंकों को और मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सहकारी समितियों को मजबूत करने तथा उन्हें लाभार्थी और भागीदार दोनों ही रूपों में अन्य आर्थिक संस्थाओं के बराबर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।