भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को सात सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया। इसमें सबसे ज्यादा जुर्माना उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक पर लगाया गया।
आरबीआई ने जिन सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया, उनमें टेक्सटाइल ट्रेडर्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात), उत्तरपारा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल, सोलापुर सिद्धेश्वर सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर (महाराष्ट्र), बरहामपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, ओडिशा, पानीहाटी सहकारी बैंक लिमिटेड, उज्जैन नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, उज्जैन, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड, लखनऊ शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 और “राज्य / जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (एसटीसीबी/ डीसीसीबी) में ग्राहक सेवा” पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए 28,00,000/- (अट्ठाईस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
उज्जैन नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, उज्जैन, (मध्य प्रदेश) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक’ तथा ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश’ संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
आरबीआई ने सोलापुर सिद्धेश्वर सहकारी बैंक लिमिटेड पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।