एपी महेश सहकारी शहरी बैंक आंध्र प्रदेश के शहरी सहकारी बैंक में अग्रणी है. यह राज्य के दूर दराज के क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति प्रस्तुत करता है. यह अपने स्वयं के एटीएम कार्ड के शुभारंभ की पूर्व संध्या पर मीडिया का ध्यान हाल ही में आकर्षित किया.
वर्ष 2012 को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में घोषित किया गया है. indiancooperative.com ने महेश बैंक के गतिशील अध्यक्ष श्री रमेश बंग के साक्षात्कार द्वारा सहकारी संस्थाओं की सफलता का जश्न मनाने का फैसला किया. संस्थान व्यक्तियों के आस-पास बनते हैं और महेश बैंक के उत्थान में श्री बंग के योगदान को नकारा नही जा सकता. साक्षात्कार के कुछ अंशः
प्रश्नः महेश बैंक द्वारा शुरू किए गए एटीएम कार्ड की क्या गुंजाइश है?
रमेश बंग: ग्राहक अपने खाते का उपयोग नकदी निकालने के लिए विभिन्न बैंकों के ८८००० + एटीएम के माध्यम से भारत में कहीं भी किसी भी समय कर सकते हैं.
प्रश्नः सहकारी अंतरराष्ट्रीय वर्ष में कितनी शाखाएं खोले जाने की संभावना हैं और क्या सदस्यों के लिए लाभांश में वृद्धि होगी?
रमेशः हम हैदराबाद के दो शहरों में तीन और शाखाएं खोल रहे हैं जिससे मार्च २०१२ तक शाखाओं का नेटवर्क 39 हो जाएगा. हम 2012-13 में सूरत (गुजरात), भीलवाड़ा (राजस्थान), नागोल (हैदराबाद) और मेडचाल (हैदराबाद) में 4 और शाखाएं खोलने का प्रस्ताव कर रहे हैं. लाभांश का मुद्दा पूरी तरह से साल के लिए अर्जित लाभ पर निर्भर करेगा. विभिन्न निधियों एवं भंडार का आवंटन बोर्ड की सिफारिश किए जाने पर होगा.
प्रः भारतीय रिजर्व बैंक की आवश्यकता है कि शहरी सहकारी बैंकों को राज्य सरकारों की बजाय भारतीय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत किया जाय. इस पर महेश बैंक का क्या कहना है?
रमेश: यह लाभप्रद होगा क्योंकि रिजर्व बैंक आवश्यकतानुसार तत्काल और आवश्यक उपाय कर सकता है जैसा कि वाणिज्यिक बैंकों के मामले में किया जा रहा है.
प्रश्नः ऐसा क्यों है कि भारत भर में सहकारी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक लगातार दंडित कर रहा है? क्या कभी आपके बैंक दंडित किया गए?
रमेश: केवल दोषी बैंकों को दंडित किया जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों की गलत व्याख्या के कारण बैंक गलती कर सकते हैं. हमारे बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कभी नहीं दंडित हुए हैं.