भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को पांच सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया। इनमें डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कृषिसेवा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुला सहकारी बैंक लिमिटेड, भिलाई नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, शहडोल, शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र (बैंक) पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन तथा ‘अग्रिम प्रबंधन-यूसीबी’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
कृषिसेवा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोले, सोलापुर, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘निदेशक मंडल – यूसीबी’ संबंधी निदेश के साथ पठित ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिसमें उनके हित हों’ तथा ‘एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन तथा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, मुला सहकारी बैंक लिमिटेड, सोनाई, जिला अहमदनगर (महाराष्ट्र) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह, भिलाई नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई, छत्तीसगढ़ पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, शहडोल, मध्य प्रदेश (बैंक) पर ‘जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि योजना, 2014’ (योजना) के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 75,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।