ऊंट के दूध के संग्रह और पाश्चुरीकरण जल्द ही गुजरात में शुरू हो जाएंगे, खबर है कि जीसीएमएमएफ सहित कई सहकारी समितियों ने इस अपरंपरागत डेयरी व्यवसाय करने को तैयार है।
सूत्रों के मुताबिक, कच्छ जिले को व्यापार के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा और ऊंट किसानों के समर्थन से इस प्रयोग को सफल बनाया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि जल्द ही लोगों को ऊंट के दूध के आर्थिक और औषधीय लाभ के बारे मे बताया जाएगा।
GMMCF निदेशक आर. एस. सोढ़ी ने हाल ही में मीडिया से कहा कि अगर ऊंट दूध परियोजना कच्छ जिले में लागू किया गया तो हम अपने विपणन संसाधनों के माध्यम से इस परियोजना को सफल बनाने की कोशिश करेंगे।
पर्यवेक्षकों का कहना है, ऊंट दूध के प्रयोग से गुजरात को डेयरी विकास के क्षेत्र में एक बार फिर एक अग्रणी राज्य होने का सम्मान हासिल होगा।