सहकारी बैंकों की भूमिका बिहार की आर्थिक परिवर्तन के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जाता है। राज्य विधानसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, सरकार खुद कोई बैंक सेवा प्रारंभ नही करेगी लेकिन राज्य में सहकारी बैंकों को मजबूत बनाने के लिए सभी संभव कदम उठाएगी।
मोदी के अनुसार, सहकारी बैंक बड़े पैमाने पर लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करती है इसलिए इनके कामकाज को प्रभावी बनाने के प्रयास करने होंगे।
पर्यवेक्षकों के अनुसार, नीतीश की सरकार सहकारी आंदोलन को महत्वपूर्ण मानती है और राज्य भर में सहकारी नेटवर्क का विकास उसकी योजना में एक प्राथमिकता है, यह बिहार ही था जहां चुनाव प्राधिकरण के जरिए राज्य भर में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के चुनाव का संचालन हुआ था।
यह प्रयोग एक बड़ी सफलता है, आज राज्य के दूरस्थ भागों में यह फैला है और इसके माध्यम से धान खरीद के लिए ऋण भुगतान के जरिए विभिन्न सरकारी योजनाओं को लागू किया जा रहा है, बिहार मे PACS के नेटवर्क का विकास एक बडी सफलता है, नीतीश कुमार को वास्तव मे सहकार रत्न उपाधि से सम्मानित किया जाना चाहिए।