ताजा खबरेंविशेष

2022-23 में सहकारी बैंकों के खिलाफ 35 सौ से अधिक शिकायतें: आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि आरबीआई ओम्बड्समैन को 1 अप्रैल 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 के दौरान सहकारी बैंकों के खिलाफ 3,535 शिकायतें मिली।

सहकारी बैंकों से जुडी शिकायतें एटीएम/डेबिट कार्ड, मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, ऋण और अग्रिम, पेंशन भुगतान, पैरा बैंकिंग समेत अन्य से संबंधित थीं।

पाठकों को याद होगा कि 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रिज़र्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 (योजना) को वर्चुअल मोड में लॉन्च किया था।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ क्रमशः 1,02,144 और 73,764 कुल शिकायतें मिली। पीएसयू श्रेणी से भारतीय स्टेट बैंक और निजी बैंक श्रेणी से आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के खिलाफ अधिकांश शिकायतें प्राप्त हुईं।

1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 की अवधि के लिए लोकपाल योजना की वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, ओआरबीआईओ और सीआरपीसी को प्राप्त शिकायतों की कुल संख्या 7,03,544 थी, जबकि 2021-22 के दौरान 4,18,184 शिकायतें थीं, जो 68.24% की वृद्धि को दर्शाती है।

इनमें से 2,34,690 शिकायतों का निपटान ओआरबीआईओ द्वारा किया गया और 4,68,854 शिकायतों का निपटान सीआरपीसी द्वारा किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतों में से 57.48 फीसदी का समाधान आपसी समझौते, सुलह और मध्यस्थता के माध्यम से किया गया. बाकी की शिकायतें या तो खारिज कर दी गईं या फिर उन्हें वापस ले लिया गया।

बता दें कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में 29 फरवरी 2024 तक 24 शहरी सहकारी बैंकों का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है।

इससे पहले लोकसभा में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने बताया कि आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान सहकारी बैंकों पर 14.04 करोड़ रुपये के 176 जुर्माने लगाए।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान सत्तावन बैंक बंद हो गए, जिनमें से 55 सहकारी बैंक हैं और पीएमसी बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक और यस बैंक सहित तीन बैंकों को पुनर्जीवित किया गया।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close