भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को पांच सहकारी बैंकों पर 89.95 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया। इनमें जनलक्ष्मी सहकारी बैंक, मथुरा जिला सहकारी बैंक, डिंडीगुल शहरी सहकारी बैंक, चिकमगलुरु डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक और सोलापुर जनता सहकारी बैंक शामिल हैं।
आरबीआई ने दि जनलक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) में प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) के गठन’, ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे’ के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट आदेश के अननुपालन के लिए 59.90 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
मथुरा जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 9 के प्रावधानों के अननुपालन के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
वहीं, आरबीआई ने दि डिंडीगुल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, डिंडीगुल, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 25,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक ने चिकमगलुरु डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, चिकमगलुरु, कर्नाटक (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी ‘धोखाधड़ी – वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी संबंधी दिशानिर्देश’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
सोलापुर जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर (बैंक) पर ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में प्रबंधन बोर्ड के गठन’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के कतिपय प्रावधानों और पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत जारी निषेधात्मक आदेश/ निदेश के अननुपालन के लिए 28.30 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।