भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को पांच सहकारी बैंकों पर 95.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इनमें हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, नागपुर नागरिक सहकारी बैंक, तिरुपत्तूर शहरी सहकारी बैंक, तिरुमंगलम सहकारी शहरी बैंक और बेसिन कैथोलिक सहकारी बैंक शामिल हैं।
आरबीआई ने बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन’, ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’, ‘जमा खातों का रखरखाव’ और ‘अग्रिमों का प्रबंधन’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 61,60,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 28.30 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिमला (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 5.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने तिरुमंगलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तिरुमंगलम, तमिलनाडु (बैंक) पर ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित ‘निदेशक मंडल – यूसीबी’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए 25,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने तिरुपत्तूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुपत्तूर, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 25,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।