भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रकासम डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक, विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित और अंगुल युनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर जुर्माना लगाया गया है।
आरबीआई ने दि प्रकासम डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, ओंगोल, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी ‘धोखाधड़ी – वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश’ संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित, हुबली, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपलान के लिए 25,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंगुल युनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016’ संबंधी मास्टर निदेश के अननुपालन के लिए 1,00,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, “31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।”
“नोटिस पर अंगुल युनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि बैंक केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण के लिए जोखिम-आधारित दृष्टिकोण प्रणाली को लागू करने में विफल रहा, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है”, विज्ञप्ति के अनुसार।