महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक लंबे समय से संकट में है,लेकिन राज्य सरकार संकट से निपटने के लिए संतोषजनक रास्ता खोजने में नाकाम रही है।
एक जन मंच नामक संगठन बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच में याचिका दायर कर मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप की माँग की है।
याचिका का संज्ञान लेते हुए न्यायालय की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार नाबार्ड, भारतीय रिजर्व बैंक, सहकारी समितियों के आयुक्त और एमएससीबी को नोटिस जारी किया है।
हाल ही में एक लेखापरीक्षा रिपोर्ट से पता चला था कि बैंकों ने चीनी कारखानों को ऋण देने में मौलिक वित्तीय मानदंडों का उल्लंघन किया था।
सूत्रों का कहना है कि बैंक न केवल गैर-टिकाऊ वित्तीय लेनदेन में लिप्त था,बल्कि वह अपने प्रशासनिक मामलों में भी गड़बड़ी कर रहा था, उदाहरण के लिए बैंक ने अपने कर्मचारियों का बदलाव नहीं किया था और उन्हें लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहने दिया जो नियम विरुद्ध था। नियम के मुताबिक कर्मचारियों को समय-समय पर हस्तांतरित करना जरुरी है।
सूत्रों का कहना है कि अब जब अदालत ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है तो संकट के समाधान की संभावना प्रबल होती लगती है।