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शाह ने नई सहकारी नीति और हर पंचायत में कोऑपरेटिव का किया वादा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर में 102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और सचिव, सहकारिता मंत्रालय सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज सहकारिता क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों कार्यकर्ताओं के लिए कई प्रकार से एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की थी।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी अलग सहकारिता मंत्रालय की आवश्यकता महसूस नहीं की। उन्होंने कहा कि गुजरात की धरती से आने वाले श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद आज के समय में सहकारिता की ज़रूरत को समझकर 2021 में एक स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत में सहकारिता कोई नया विचार नहीं है और लगभग सवा सौ साल पुराने विचार को हमारे पुरखों ने अपनाया था। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, गाडगिल जी, बैकुंठ भाई मेहता और त्रिभुवनदास पटेल जैसे कई मनीषियों ने इसकी शुरूआत की। उन्होंने कहा कि फिर एक समय आया जब ये विचार धीरे-धीरे कमज़ोर होता चला गया।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता की प्रासंगिकता को पहचानते हुए नए सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की। उन्होंने कहा कि आज हम एकमहत्वपूर्ण मुकाम पर खड़े हैं और सवा सौ साल पुराना सहकारिता आंदोलन आज देश के कई क्षेत्रों में अपना बड़ा योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा कि कृषि ऋण के वितरण में 20 प्रतिशत, फर्टिलाइज़र्स के वितरण में 35 औरउत्पादन में 21 प्रतिशत, चीनी उत्पादन में 31 प्रतिशत, गेहूं की खरीदी में 13 प्रतिशत और धान की खरीदी में 20 प्रतिशत का योगदान सहकारिता क्षेत्र दे रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र ग्रामीण और कृषि अर्थव्यस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अगले 5 साल में सहकारिता की एक ऐसी मज़बूत नींव डालनी है जिससे अगले 125 साल तक सहकारिता हर गांव और घर तक पहुंचे।

अमित शाह ने देशभर के सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा उनसे सहकारिता को देश के अर्थ तंत्र का एक मजबूत स्तंभ बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें सहकारिता को न सिर्फ एक मज़बूत स्तंभ बनाना है बल्कि इसके माध्यम से देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में सुविधाएं, समृद्धि और आत्मविश्वास जगाने का काम भी करना है।

शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि जब 2029 में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जाएगा, उस दिनदेश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं होगी जहां पैक्‍स नहीं होगा।उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वप्न को साकार करना है और गरीबों की सेवा के लिए सहकारिता को आगे बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार राष्ट्रीय सहकारिता नीति लेकर आएगी।

 

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