ताजा खबरेंविशेष

दिल्ली सहकार भारती की जीत; क्रेडिट कोऑपरेटिव में ऋण सीमा की बढ़ोतरी

सहकार भारती के दिल्ली चैप्टर से संबद्ध यूनाइटेड थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज फेडरेशन को एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। दिल्ली सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने फेडरेशन की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया है, जिसमें क्रेडिट सोसाइटियों के लिए ऋण सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी।

नई व्यवस्था के तहत, सामान्य सदस्यों के लिए ऋण सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है, जबकि वेतनभोगी सदस्यों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इस आदेश के जारी होने से दिल्ली की सैकड़ों क्रेडिट सोसाइटीज और उनके हजारों सदस्यों को लाभ मिलेगा।

सहकार भारती के राष्ट्रीय मंत्री और फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने फेडरेशन की मांग स्वीकार करने पर पंजीयक सहकारी संस्थाएं और सहकारिता विभाग को हार्दिक धन्यवाद और आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सहकार भारती और फेडरेशन आगे भी सहकारी आंदोलन को सशक्त और सक्षम बनाने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे।

गुप्ता ने यह भी कहा कि तीन वर्ष पूर्व देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय की स्थापना और उसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ, अनुभवी और कर्मठ नेता भाई अमित शाह को सौंपने के उद्देश्य को फेडरेशन और सहकार भारती पूरी तरह से साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, थ्रिफ्ट और क्रेडिट सोसाइटीज के सामान्य सदस्यों के लिए, ऋण अब सदस्य के चुकता शेयरों के मूल्य के 20 गुना तक सीमित होगा, जिसकी अधिकतम सीमा 4 लाख रुपये होगी। वहीं, वेतनभोगी सदस्यों के लिए, ऋण सीमा उनके चुकता शेयरों के मूल्य के 25 गुना तक होगी, जिसकी अधिकतम सीमा 5 लाख रुपये होगी।

यह उच्च सीमा इस तथ्य को दर्शाती है कि वेतनभोगी सदस्यों को दिए गए ऋण अधिक सुरक्षित हैं, क्योंकि विभागीय अधिकारी द्वारा किसी भी चूक की वसूली सीधे उनके वेतन से की जा सकती है। इस नए आदेश के उत्तर में, थ्रिफ्ट और क्रेडिट सोसाइटीज के उपनियमों में तदनुसार संशोधन किया जाएगा।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close