आंध्र प्रदेश के राजमहेंद्रवरम स्थित इनेसपेटा को-ऑपरेटिव बैंक ने राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम लिमिटेड (एनयूसीएफडीसी) में योगदान देने की वकालत की, जो शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए एक अम्ब्रेला संगठन के रूप में कार्य करेगा।
बैंक के चेयरमैन कोल्ला अच्युथा रामा राव ने कहा, “हम राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किए जा रहे इस अम्ब्रेला संगठन में पूरी तरह से योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह संगठन न केवल यूसीबी को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि हमारे जैसे छोटे यूसीबी को समान सॉफ्टवेयर अपनाने में भी सहायक होगा।”
भारतीय सहकारिता से बातचीत में राव ने जोर देकर कहा, “हमारा व्यापार और कार्यक्षेत्र भले ही छोटा है, लेकिन हम आरबीआई के सभी नियमों और विनियमों का सख्ती से पालन करते हैं। हम बैंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और समाज के वंचित वर्गों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं।”
राव ने यह भी बताया कि बैंक जल्द ही अपने ग्राहकों के लिए एटीएम सुविधा और मोबाइल बैंकिंग शुरू करने वाला है। फिलहाल बैंक की तीन शाखाओं का नेटवर्क है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष के अंत तक दो और शाखाएं खोलने की योजना है। उन्होंने गर्व से कहा, “हम आर्थिक रूप से सुदृढ़ और सुव्यवस्थित बैंक हैं।”
हालांकि, उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों के प्रति आरबीआई के सख्त रवैये पर निराशा व्यक्त की। राव ने कहा, “आरबीआई को कड़े कदम उठाने के बजाय शहरी सहकारी बैंकों को प्रोत्साहित करना चाहिए, जो समाज के गरीब वर्ग के लिए काम कर रहे हैं।”
बैंक की वित्तीय स्थिति की बात करें तो, 31 मार्च 2024 तक बैंक के डिपॉजिट 141.06 करोड़ रुपये और अग्रिम 95.70 करोड़ रुपये रहे, जिससे कुल कारोबार 236.76 करोड़ रुपये हो गया।
बैंक ने इस वित्तीय वर्ष में अपने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को कम करने में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। वित्त वर्ष 2022-23 में सकल एनपीए 4.43% था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 2.76% रह गया, जबकि शुद्ध एनपीए 1.31% से घटकर 0.26% हो गया। बैंक का लक्ष्य है कि शुद्ध एनपीए को शून्य पर लाया जाए।
वित्तीय स्थिरता के मामले में, 31 मार्च 2024 तक बैंक का पूंजी-जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 12.24% रहा। बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में 4.15 करोड़ रुपये का सकल लाभ और 1.14 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया।