केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में जानकारी दी कि 31 मार्च 2024 तक, सात राज्य सहकारी बैंकों, 424 शहरी सहकारी बैंकों और 120 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) 10 प्रतिशत से अधिक है।
अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक और अरुणाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक का सकल एनपीए क्रमशः 25.82% और 39.92% रहा। वहीं, जम्मू और कश्मीर राज्य सहकारी बैंक का सबसे उच्च सकल एनपीए 55.52% है।
वहीं, कई राज्य सहकारी बैंकों ने 31 मार्च 2024 तक 5% से कम सकल एनपीए बनाए रखा। इनमें आंध्र प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, बिहार राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), गोवा राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), गुजरात राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), मिजोरम राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), ओडिशा राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), पंजाब राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), तमिलनाडु राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), पश्चिम बंगाल राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी), उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक (एटीसीबी) और अन्य बैंकों का नाम शामिल है।
जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में झारखंड के धनबाद केंद्रीय सहकारी बैंक ने 28.09% के साथ सबसे उच्च सकल एनपीए दर्ज किया। मध्य प्रदेश में स्थित 38 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का औसतन सकल एनपीए 22.70% है।