गुजरात की सूरत जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (सुमुल डेयरी) ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024 में खाद्य और प्रसंस्करण क्षेत्र में पहला स्थान प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा शनिवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। सुमुल डेयरी की ओर से चेयरमैन मंसिंहभाई पटेल और वाइस चेयरमैन राजेशकुमार पाठक ने इस सम्मान को स्वीकार किया।
खास बात यह है कि सुमुल डेयरी इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाला डेयरी सहकारी क्षेत्र का एकमात्र संगठन है।
यह पुरस्कार सुमुल डेयरी की ऊर्जा दक्षता और स्थिरता में अनुकरणीय योगदान को मान्यता देता है। सुमुल डेयरी स्थायी प्रथाओं और नवीन ऊर्जा बचत उपायों को अपनाने के प्रति अपनी अडिग प्रतिबद्धता के साथ सहकारी और डेयरी उद्योगों के लिए एक मानक स्थापित कर रही है।
गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के प्रमुख सदस्य के रूप में सुमुल डेयरी सूरत और तापी जिलों से प्रतिदिन 24 लाख लीटर दूध का संग्रह करती है। 2.5 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक किसानों से जुड़ी यह डेयरी, गुजरात के समृद्ध डेयरी सहकारी तंत्र की एक मजबूत आधारशिला बनी हुई है।