लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने भारत के सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
मंत्री ने कहा, “एनसीडीसी सहकारी समितियों को सतत विकास और वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए टर्म लोन, निवेश लोन और सब्सिडी प्रदान करता है। जबकि लोन एनसीडीसी के अपने फंड से दिए जाते हैं, सब्सिडी केंद्रीय क्षेत्रीय योजनाओं के माध्यम से दी जाती है, जिससे सहकारी समितियों को व्यापक वित्तीय सहायता मिलती है।”
एनसीडीसी की गतिविधियां विपणन, प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड चेन विकास, औद्योगिक उद्यमों और आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं के वितरण तक फैली हुई हैं। यह क्रेडिट और सेवा सहकारी समितियों, सहकारी बैंकिंग इकाइयों और कृषि सेवाओं का भी समर्थन करता है। जिला स्तर पर सहकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ कमजोर वर्ग की सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना भी एनसीडीसी की प्राथमिकताओं में शामिल है।
सहकारी संस्थाओं के डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए “डिजिटल सहकार”, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए “नंदिनी सहकार”, और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहकारी सहायता के लिए “आयुष्मान सहकार” जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। इसके अतिरिक्त, “युवा सहकार” नई सहकारी संस्थाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है।
कृषि क्षेत्र में, एनसीडीसी “दीर्घावधि कृषि पूंजी सहकार योजना” और “स्वयं शक्ति सहकार योजना” जैसी पहलों के माध्यम से सहकारी समितियों और स्व-सहायता समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
एनसीडीसी सहकारिता मंत्रालय और अन्य सरकारी मंत्रालयों की योजनाओं को भी लागू करता है। इनमें सहकारी चीनी मिलों को अनुदान, कृषि विपणन बुनियादी ढांचे का समर्थन, और मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर के तहत पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन को बढ़ावा देना शामिल है।
इसके अलावा, एनसीडीसी कृषि बुनियादी ढांचा निधि योजना के तहत ब्याज सब्सिडी और क्रेडिट गारंटी प्रदान करता है। यह पीएम मात्स्य संपदा योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, और एफपीओ के गठन और प्रचार में भी योगदान देता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी ने सरकार की प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाकर सहकारी आंदोलन को मजबूत करने में अपनी भूमिका को साबित किया है। एनसीडीसी की पहलों ने सहकारी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और देशभर में समावेशी और सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।