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आरबीआई ने गुजरात के पांच अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों पर लगाया जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुजरात के पांच अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों पर जुर्माना लगाया है। इनमें श्री धंधुका जनता सहकारी बैंक, चणस्मा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक, थसरा पीपुल्स सहकारी बैंक, जनता सहकारी बैंक, हलोल और श्री लक्ष्मी महिला सहकारी बैंक का नाम शामिल है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने  श्री धंधुका जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, धंधुका, जिला अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

दि चणस्मा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, चणस्मा, जिला पाटण, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम राशि’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने थासरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, थासरा, जिला खेड़ा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘अग्रिमों का प्रबंधन– शहरी सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, हलोल, जिला पंचमहल, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों के पास जमाराशि रखना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

श्री लक्ष्मी महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों के पास जमाराशि रखना’, ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ और ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 1.60 लाख (एक लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) और प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 25 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

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