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कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को मुरशिदाबाद के एक कृषि सहकारी बैंक के प्रबंधक के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। प्रबंधक पर आरोप है कि उन्होंने जमाकर्ताओं को धोखा दिया और उनकी परिपक्वता राशि (मिच्योरिटी अमाउंट) वापस नहीं की।
शिकायतकर्ता के अनुसार, एजेंटों द्वारा कुल 1.26 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई थी, लेकिन परिपक्वता के समय इसका भुगतान नहीं किया गया।
यह मामला सहकारी बैंकिंग प्रणाली में बढ़ती गड़बड़ियों को उजागर करता है। अदालत ने मामले में जवाबदेही तय करने के लिए सरकार को सभी संबंधित शिकायतों की जानकारी प्रस्तुत करने को कहा है।