प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरजेडी विधायक आलोक कुमार मेहता से जुड़ी संपत्तियों पर 18 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक से जुड़े 85 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घोटाले में 400 फर्जी लोन खातों और जाली गोदाम रसीदों के जरिए धन के गबन का आरोप है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ऑडिट में इस धन के दुरुपयोग की पुष्टि हुई थी।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता पर इस घोटाले में मिलीभगत का आरोप है।
इस कार्रवाई पर आरजेडी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। आरजेडी ने इन छापेमारियों को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित बताया।