डॉ. सुकेश जामवार को भारत की सबसे बड़ी बहु-राज्यीय क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी- बुलढाणा अर्बन के नए अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया है। उन्होंने राधेश्याम चांडक का स्थान लिया है।
सोमवार को आयोजित चुनाव में कांतीलाल मिश्रीलाल छाजेड़ को एक बार फिर बुलढाणा अर्बन के उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित किया गया।
हालांकि, इन परिणामों की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है और इन्हें सहकारी चुनाव प्राधिकरण की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
पाठकों को यह भी याद होगा कि बुलढाणा अर्बन के निदेशक मंडल का चुनाव भी निर्विरोध संपन्न हुआ था, जहां सभी 14 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे।
डॉ. सुकेश जामवार का जन्म 10 अक्टूबर 1975 को महाराष्ट्र के यवतमाल में हुआ। उन्होंने अपनी शैक्षणिक यात्रा के दौरान जर्मनी से एमएस और बैंकिंग एवं वित्त में एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
एक प्रतिभाशाली आर्थोपेडिक सर्जन से समाजसेवी बने डॉ. जामवार महाराष्ट्र के सहकारी आंदोलन के एक दूरदर्शी नेता हैं। उन्होंने नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और प्रवरणगरी, लोनी से ऑर्थोपेडिक्स में एमएस की पढ़ाई पूरी की। जर्मनी में जॉइंट रिप्लेसमेंट में विशेषज्ञता हासिल करने के दौरान उनकी रुचि सामाजिक विकास की ओर बढ़ी।
एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने बुलढाणा अर्बन को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़कर भारत की पहली शहरी क्लस्टर विकास परियोजना का नेतृत्व किया, जिसने सहकारी क्षेत्र पर स्थायी प्रभाव छोड़ा।
बुलढाणा अर्बन के नव-निर्वाचित निदेशकों में किशोर महाजन, विनोद केडिया, गोपाल चिरानिया, दिनेश गांधी, किशोर केला, नंदकिशोर बाहेती, नंदकिशोर ज़नवार, अंबेश बियानी, विनोद भंडारी, विजया डांडे, अलका सेंगर और मंजूबाई गाडगे शामिल हैं।
बुलढाणा अर्बन ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 22,500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया और 51.25 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। सोसाइटी का लक्ष्य 31 मार्च 2025 तक अपनी जमा राशि को बढ़ाकर 14,500 करोड़ रुपये करना है।
15 अगस्त 1986 को केवल 72 सदस्यों और 12,000 रुपये की शेयर पूंजी के साथ स्थापित बुलढाणा अर्बन ने बीते 38 वर्षों में अभूतपूर्व विकास किया है। आज यह 476 शाखाओं, 431 गोदामों और 16.28 लाख सदस्यों के साथ भारत की सबसे बड़ी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी बन चुकी है।
डॉ. सुकेश जामवार के नेतृत्व में बुलढाणा अर्बन सहकारी क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए तैयार है। उनके नेतृत्व में सोसाइटी ने न केवल वित्तीय स्थिरता हासिल की है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक सुधारों में भी अग्रणी भूमिका निभाई है।