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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में संकटग्रस्त नासिक और बीड जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के पुनरुद्धार के लिए मुंबई में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में इन बैंकों को पुनर्जीवित करने के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने पर विचार-विमर्श किया गया।
इस बैठक में सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल, कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, खाद्य मंत्री नरोहरी झिरवल, सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, नासिक और बीड जिला सहकारी बैंकों के प्रतिनिधि, महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी दिलीप दिघे समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
बैठक के दौरान एक प्रमुख निर्णय लिया गया कि एमएससी बैंक को नासिक और बीड जिला सहकारी बैंकों के पुनरुद्धार के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए जाएं। इस योजना में पूंजी प्रवाह, ऋण वसूली और प्रशासनिक सुधार से संबंधित रणनीतियों का उल्लेख होगा।
एमएससी बैंक के प्रशासनिक बोर्ड के अध्यक्ष विद्याधर अनास्कर ने वर्चुअल रूप से बैठक में भाग लिया और कहा कि सिर्फ नासिक डीसीसीबी को ऋण देना पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को नासिक डीसीसीबी में लगभग 500 करोड़ रुपये की पूंजी शेयर कैपिटल के रूप में निवेश करनी चाहिए, ताकि उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारा जा सके।
नासिक डीसीसीबी का सीआरएआर वर्तमान में -74% है। इसके अलावा, खराब ऋण वसूली नासिक डीसीसीबी के संकट का एक प्रमुख कारण बनी हुई है। बैठक में इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने पर चर्चा हुई।
वहीं, बीड डीसीसीबी को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए भी बैठक में चर्चा की गई। एमएससी बैंक की ओर से बीड डीसीसीबी को 300 करोड़ रुपये का ऋण देने की योजना बनाई गई है। यह ऋण बैंक के संचालन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बैठक के बाद विद्याधर अनास्कर ने इंडियन कोऑपरेटिव से कहा कि उनकी टीम पुनरुद्धार योजना पर तेजी से काम कर रही है और जल्द ही इसे राज्य सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।