
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के पुणे में जनता सहकारी बैंक लिमिटेड की हीरक जयंती के समापन समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन मे केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि जनता सहकारी बैंक द्वारा अर्जित किया गया विश्वास हम सबके लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि जनता सहकारी बैंक की स्थापना श्री मोरोपंत पिंगले जी ने की थी जिन्होंने कभी अपने लिए कुछ नहीं किया और कभी किसी चुनौती को पीठ नहीं दिखाई।
शाह ने कहा कि श्रद्धेय मोरोपंत जी द्वारा बोया गया बीज आज वट वृक्ष बनकर 10 लाख लोगों के साथ जुड़ा हुआ है और ये हमारी संगठन की क्षमता औऱ अच्छे व्यवहार का परिचायक है। उन्होंने कहा कि इस बैंक ने पूरे देश में एक अच्छा संदेश दिया है कि पारदर्शिता, समर्पण औऱ निष्ठा के साथ कोई संस्था काम करती है तो वो कितना आगे बढ़ सकती है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गठित सहकारिता मंत्रालय का मंत्र सहकार से समृद्धि है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत 10 साल में देश के करोड़ों लोगों के जीवन में कई आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने का काम किया है। शाह ने कहा कि छोटी-छोटी पूंजी मिलाकर एक बहुत बड़ा काम करने का नाम ही सहकारिता है। उन्होंने कहा कि जनता सहकारी बैंक इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण है जिसने ‘छोटे लोगों का बड़ा बैंक’ के सूत्र को सार्थक किया है।
शाह ने कहा कि सहकारिता को आगे बढ़ाने के लिए हमें तकनीक को भी स्वीकारना होगा। उन्होंने कहा कि देश में कुल 1465 अर्बन कोऑपरेटिव बैंक हैं जिनमें से 460 सिर्फ महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के लिए एक अंब्रैला संगठन पर विचार चल रहा था और अब इस संगठन के लिए 300 करोड़ रूपए की राशि एकत्रित करने का काम पूरा कर लिया गया है।
शाह ने कहा कि ये अंब्रैला संगठन कोऑपरेटिव बैंकों को हर प्रकार की सहायता देने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार देश में क्लीयरिंग हाउस बनाने की कल्पना की गई है जिसे अगले 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि 1949 में स्थापना के बाद जनता सहकारी बैंक 1988 में शेड्यूल्ड सहकारी बैंक बना, 2005 में इसने कोर बैंकिंग को स्वीकार किया, 2012 में मल्टीस्टेट शेड्यूल्ड कोऑपरेटिव बैंक बना और देश की सबसे पहली कोऑपरेटिव डी-मैट संस्था शुरू करने का सौभाग्य भी इसे मिला।
उन्होंने कहा कि 71 शाखाओं, 2 एक्सटेंशन काउंटर्स, 1,75,000 सदस्यों और 10 लाख से ज़्यादा संतुष्ट ग्राहकों के साथ ये एक बैंक नहीं बल्कि एक बहुत बड़ा परिवार है। उन्होंने कहा कि आज इस बैंक की जमाराशि 9,600 करोड़ रुपए से अधिक है जो बैंक में लोगों के विश्वास को दर्शाता है।
शाह ने कहा कि समाज सेवा में भी जनता सहकारी बैंक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, चाहे लातूर का भूकंप हो, कोल्हापुर-सांगली की बाढ़ हो या फिर कोविड महामारी हो।